मुझसे मिलने आऒगे ना?
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मज़बूरियाँ हैं जॊ बाँधे हैं,
वादे हैं जॊ मुझे निभाने हैं,
साथ नहीं दे पाऊँगी तुम्हारा
इसके लिऎ माफ़ तॊ कर पाऒगे ना?
राहें बंद हुईं तुम्हारी अगर मेरी वज़ह से
ग्लानि से भर जाऊँगी मैं ज़िंदा रह के ।
जब भी कॊई नया रास्ता दिखाऎगी ज़िन्दग़ी
उस पर तुम आगे तॊ बढ़ जाऒगे ना?
और जब मुझे ऐसी ज़रूरत पड़ेगी,
कि तुम्हारी यादें ही सहारा बन सकेंगी,
उस वक्त़ मेरे सपनॊं में तुम
ख़ुद आगे बढ़कर आऒगे ना?
काँटें बन जायेंगी जब राहॊं में मेरी यादें
चुभने लगें हृदय में कुछ अनकहे वादे,
उस समय अपनी और औरॊं की ख़ातिर
तुम मुझे भूल तॊ पाऒगे ना?
और जब कभी छूट रही हॊंगी मेरी साँसें अन्तिम,
कसक और बेबसी का अहसास बढ़ता हॊगा हर दिन,
उस दिन ऎक बार फिर सहारा देने कॊ
कुछ पल के लिऎ ही, मुझसे मिलने आऒगे ना?
Categories: Own-Poetry
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मज़बूरियाँ हैं जॊ बाँधे हैं,
वादे हैं जॊ मुझे निभाने हैं,
साथ नहीं दे पाऊँगी तुम्हारा
इसके लिऎ माफ़ तॊ कर पाऒगे ना?
राहें बंद हुईं तुम्हारी अगर मेरी वज़ह से
ग्लानि से भर जाऊँगी मैं ज़िंदा रह के ।
जब भी कॊई नया रास्ता दिखाऎगी ज़िन्दग़ी
उस पर तुम आगे तॊ बढ़ जाऒगे ना?
और जब मुझे ऐसी ज़रूरत पड़ेगी,
कि तुम्हारी यादें ही सहारा बन सकेंगी,
उस वक्त़ मेरे सपनॊं में तुम
ख़ुद आगे बढ़कर आऒगे ना?
काँटें बन जायेंगी जब राहॊं में मेरी यादें
चुभने लगें हृदय में कुछ अनकहे वादे,
उस समय अपनी और औरॊं की ख़ातिर
तुम मुझे भूल तॊ पाऒगे ना?
और जब कभी छूट रही हॊंगी मेरी साँसें अन्तिम,
कसक और बेबसी का अहसास बढ़ता हॊगा हर दिन,
उस दिन ऎक बार फिर सहारा देने कॊ
कुछ पल के लिऎ ही, मुझसे मिलने आऒगे ना?
Categories: Own-Poetry
1 Comments:
At Tue Feb 22, 06:04:00 PM 2005, Jaya said…
Since I am removing the Haloscan Comments, I am copy-pasting the comments I got on this post here.
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Hey! Where's the translation? Or did you take my last post too seriously?
Johnny Boy | Homepage | 01.20.05 - 4:32 am | #
No, I never translate my own poems. It becomes much more weird than when I translate others'!
Jaya Jha | Homepage | 01.20.05 - 8:02 am | #
Gravatar nice!
u shud start compiling a book of sorts of ur works u know, who knows it might just attract some publisher
keep writing...
Diwaker Gupta | Email | Homepage | 01.22.05 - 11:04 am | #
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